कभी कभी हम वक़्त को दायरे मे समेटने कि कोशिश करते हैं और इस कोशिश में सब कुछ बिखरता हुआ सा लगता है ......तो बेहतर ये है कि हम वक़्त के साथ कदमताल मिल कर चले.....इस तरह हमारी राह बेहतर न सही बदतर तो नहीं होगी
My self Syed Nawaz Ahmad. I am Presently working on Project based on Rural Development as a Research Fellow in the Deptt. of Journalism & Mass Communication, University of Lucknow.